शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला छत्तीसगढ़ सरकार के लिए गले का फांस बन गया है। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज होने के बाद अब माना जा रहा है कि राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ के तकरीबन एक लाख शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देना होगा। इसके लिए राज्य के खजाने पर सात हजार करोड़ का भार आएगा। आश्चर्य यह है कि सरकार ने जिस क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश को निरस्त कर दिया था, उसी आदेश पर एक महिला शिक्षिका ने अपने प़क्ष में हाई कोर्ट से फैसला ले आई। सरकारी पक्ष ने हाई कोर्ट में ढंग से अपना पक्ष नहीं रखा। दूसरा, हाई कोर्ट के फैसले को उपर की अदालत में चुनौती देने की बजाए उसे एरियर्स की राशि जारी कर दी। इसके बाद हाई कोर्ट में धड़ाधड़ याचिकाएं लगने लगीं।







