Assistant Teachers Protests: बर्खास्त
सहायक शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समायोजन की मांग को लेकर 2,897 सहायक शिक्षक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये है।
रायपुर। बर्खास्त
सहायक शिक्षकों ने एक बाद फिर से माना के तूता धरना स्थल में धरना शुरू कर दिया है। महिला सहायक शिक्षकों के साथ उनके बच्चे और परिवार के सदस्य भी है। शिक्षकों ने समायोजन की मांग करते हुये सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उनका प्रदर्शन अनिश्चितकालीन तक जारी रहेगा। साथ ही होली पर भी वो यहीं पर रहेंगे। इससे पहले 8 मार्च शनिवार को भिलाई में महिला दिवस के दिन महिला सहायक शिक्षकों ने रैली निकालकर अपनी मांगो को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की थी।
मालूम हो कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को फैसला सुनाते हुये कहा था कि सहायक शिक्षकों के पद पर केवल डीएड डिग्रीधारी ही पात्र होगें। बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। हाईकोर्ट के फैसले से कुल 2,897 शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी जाने के विरोध में सहायक शिक्षकों ने प्रदर्शन शुरू किया और सरकार से समायोज की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व में सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। हालांकि अभी तक के कमेटी का कोई फैसला इस विषय में नहीं आया है जारी इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने जल सत्याग्रह, सामूहिक उपवास, सामूहिक मुंडन, यज्ञ-हवन और दंडवत प्रदर्शन जैसे विभिन्न तरीकों से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किये। 7 मार्च को शिक्षकों ने विधानसभा रोड पर वीआईपी मूवमेंट और मंत्रियों के काफिले के सामने पोस्टर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
सहायक शिक्षकों की जानिए मांग
1. सेवा सुरक्षा एवं समायोजन-बर्खास्त किए गए सभी सहायक शिक्षकों की सेवा पुनः बहाल की जाए।
2. स्थायी समाधान सरकार शीघ्र ही शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस नीति बनाए।
3. संविधानिक अधिकारों की रक्षा शिक्षकों को रोजगार से वंचित करना अन्यायपूर्ण है, इसे तत्काल सुधारा जाए।







